डी फार्म और बी फार्म में से कौनसा कोर्स चुनें? - D Pharm Vs B Pharm in Hindi, इसमें डी फार्म और बी फार्म में बेहतर और सही कोर्स के चुनाव की जानकारी है।
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स्टूडेंट्स के सामने अक्सर कई तरह के doubts होते हैं और ये doubts बारहवीं क्लास के बाद में और बढ़ जाते हैं जब अपने करियर को एक सही दिशा देने का समय आता है।
बारहवीं कक्षा के बाद में हमें किस स्ट्रीम में जाना है यह बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है। लाइफ में आगे सफल होने के लिए सही स्ट्रीम का सिलेक्शन बहुत इम्पॉर्टन्ट है।
कई बार हम हमारे स्ट्रीम का सिलेक्शन होने के बाद में भी बहुत कन्फ्यूज़्ड रहते हैं। दरअसल, ये confusion उस स्ट्रीम में available कई कोर्सेज को लेकर होता है कि इन कोर्सेज में से किस कोर्स में एडमिशन लें।
अगर हम फार्मेसी फील्ड में available कोर्सेज की बात करें तो यहाँ पर डी फार्म, बी फार्म और फार्म डी आदि कई तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं।
अगर किसी को फार्मेसी फील्ड में ही पढाई करनी है तो वह भी इस बात को लेकर कन्फ्यूज़्ड रहता है कि वह डी फार्म, बी फार्म और फार्म डी में से कौनसे कोर्स में एडमिशन ले।
आज हम इस विषय में बात करते हैं कि किसी स्टूडेंट को डी फार्म और बी फार्म में से किस कोर्स का चुनाव करना चाहिए।
डी फार्म और बी फार्म दोनों कोर्स फार्मेसी के बेसिक कोर्स हैं जिनको कम्प्लीट करने के बाद में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के रूप में कार्य किया जा सकता है।
अगर हम इन दोनों कोर्सेज में डिफरेंस की बात करें तो इन दोनों कोर्सेज में सबसे बड़ा अंतर इनके टाइम ड्यूरेशन यानि कोर्स की समयावधि का है। डी फार्म कोर्स दो साल का डिप्लोमा कोर्स है जबकि बी फार्म चार साल का डिग्री कोर्स है।
दूसरा अंतर इन कोर्सेज के लेवल का है। डी फार्म कोर्स डिप्लोमा लेवल का है और बी फार्म कोर्स डिग्री लेवल का है। डी फार्म के बाद में आप ग्रेजुएट नहीं माने जाते हैं जबकि बी फार्म के बाद में आप ग्रेजुएट हो जाते हैं।
तीसरा सबसे बड़ा अंतर इनकी फीस का है। डी फार्म की फीस बी फार्म के मुकाबले कम होती है।
चौथा अंतर इनके स्कोप का है। डी फार्म और बी फार्म के बाद में रोजगार के अवसरों में भी काफी हद तक अंतर है।
अब हम इन सभी अंतरों के आधार पर इस बात का विश्लेषण करते हैं कि हमें डी फार्म और बी फार्म में से किस कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए।
दोनों कोर्सेज में प्रवेश लेने से पहले सबसे पहले हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हम किस वजह से फार्मेसी फील्ड में पढाई करना चाहते हैं। हमारी रिक्वायरमेंट्स क्या हैं? हमारी लिमिटेशंस क्या हैं?
यह बात तो एक दम क्लियर है कि डी फार्म और बी फार्म दोनों तरह के कैंडिडेट्स अपनी स्वयं की फार्मेसी यानि ड्रग स्टोर शुरू करके मेडिसिन्स का business शुरू कर सकते हैं।
अगर हमें फार्मेसी की पढाई करके बतौर फार्मासिस्ट दवा का business ही करना हैं तो हमें बिना सोचे समझे डी फार्म में एडमिशन ले लेना चाहिए। मेडिसिन के बिजनेस के लिए यह सबसे कम समय में होने वाला जरूरी कोर्स है।
मेरे हिसाब से अगर आपको केवल अपनी फार्मसी ही शुरू करनी है तो बिना वजह के चार वर्षीय बी फार्म कोर्स में एडमिशन लेने का कोई तुक नहीं है।
दो वर्ष तक और पढाई करने की बजाये तो आप दो वर्षों में मेडिसिन्स के बिजनेस को काफी हद तक समझ जायेंगे और उन लोगों से काफी आगे निकल जायेंगे जिन्होंने बी फार्म कोर्स करने के बाद में मेडिसिन्स का बिजनस शुरू किया है।
लेकिन यदि आपका aim फार्मेसी फील्ड में टीचिंग, ड्रग मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में प्रोडक्शन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, ड्रग इंस्पेक्टर के साथ-साथ ग्रेजुएशन लेवल की competitive exams को देने का है तो आपको डी फार्म में नहीं बी फार्म कोर्स में ही एडमिशन लेना चाहिए।
जिन क्षेत्रों की मैंने अभी बात की है उनमे सभी जगह मिनिमम क्वालिफिकेशन बी फार्म है या फिर बी फार्म कैंडिडेट को प्रायोरिटी मिलती है।
अगर आपका उद्देश्य भारत से बाहर जैसे अमेरिका जाकर वहाँ पर फार्मासिस्ट के बतौर काम करना है तो आपके लिए बी फार्म भी बेकार है क्योंकि ज्यादातर developed countries में चार साल के कोर्स का कोई महत्व नहीं है। इस उद्देश्य के लिए आपको फार्म डी कोर्स में एडमिशन लेना होगा।
रिक्वायरमेंट के बाद में दूसरा पॉइंट कोर्स के लेवल का है। डी फार्म की पढाई के बाद में हम ग्रेजुएट नहीं होते हैं। यदि आपका लक्ष्य केवल दवा का व्यापार है तो आपको इस विषय में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
भारत सरकार ने ड्यूल डिग्री के लिए कई नियम बना दिए हैं जिनके माध्यम से आप अपना डी फार्म करते-करते साथ में कोई दूसरा डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं। वैसे किसी भी डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के साथ प्राइवेट और correspondence कोर्स करने में कभी कोई परेशानी नहीं रही है।
डिप्लोमा के साथ में कोई दूसरा डिग्री कोर्स करने से बिना एक्स्ट्रा टाइम लगाये आप ग्रेजुएट भी हो जायेंगे। इस ग्रेजुएशन के बाद में आप डिग्री लेवल की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ पाएँगे।
तीसरा पॉइंट आपकी economic condition पर depend करता है। डी फार्म कोर्स की फीस बी फार्म से कम होती है, साथ ही इस कोर्स की समय अवधि भी बी फार्म से आधी होती है। इन दोनों वजहों से डी फार्म कोर्स की फीस बी फार्म कोर्स के मुकाबले में काफी कम हो जाती है।
यदि आपकी जरूरत केवल मेडिसिन्स का बिजनेस ही है तो आपको बिना वजह ज्यादा फीस और ज्यादा समय खर्च करने की जरूरत नहीं है। आप केवल डी फार्म कोर्स में प्रवेश लें जिससे आपकी फीस और समय दोनों में बचत हो।
चौथा महत्वपूर्ण पॉइंट एक्जाम के पैटर्न को लेकर है। आपको यह समझना होगा कि बी फार्म कोर्स करने पर आपको डी फार्म कोर्स के मुकाबले में दो साल ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।
इसके साथ आपको यह भी ध्यान रखना है कि डी फार्म कोर्स में ऐन्यूअल एक्जाम होती है जबकि बी फार्म कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम है।
एक और खास बात यह है कि इस साल से डी फार्म passout students के लिए एग्जिट एग्जाम शुरू हो गया है। अब admission लेने वाले सभी स्टूडेंट्स के लिए इस exam को पास करना जरूरी है वरना रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट नहीं बन पाएँगे। बी फार्म के लिए अभी एग्जिट एग्जाम शुरू नहीं हुई है।
पाँचवाँ और अंतिम पॉइंट सरकारी क्षेत्र में फार्मासिस्ट की जॉब को लेकर है। अभी तक सरकारी विभागों और हॉस्पिटल्स में जो भी फार्मासिस्ट की पोस्ट निकलती है लगभग उन सभी में डी फार्म कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं यानि एलिजिबल हैं।
अगर सरकारी फार्मासिस्ट की जॉब के लिए कोई प्रतियोगी परीक्षा भी होती है तो सामान्यतः उसके लिए सिलेबस भी डी फार्म लेवल का ही होता है।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है कि अभी तक गवर्नमेंट फार्मासिस्ट की जॉब के लिए डी फार्म के लिए अवसर बी फार्म के समान ही हैं, भविष्य में क्या होगा ये आज नहीं बताया जा सकता है।
मैंने आपको दोनों कोर्सेज के बारे में तुलनात्मक रूप से बता दिया है। अब आपको अपनी जरूरत, अपनी परिस्थिति और अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना है कि आपके लिए कौनसा कोर्स सूटेबल रहेगा।
आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।
इस तरह की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।
डी फार्म और बी फार्म में से सही कोर्स के चुनाव का वीडियो - Video of D Pharm Vs B Pharm in Hindi
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं, इसमें दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई हो सकती है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। आलेख में दी गई स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।